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Diwali FAQs: दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर: दिवाली के बारे में सब कुछ जानें

Diwali Question Answer in Hindi FAQs

दिवाली से जुड़े प्रश्न उत्तर

दिवाली हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार है, जो की हर सनातन हिन्दू द्वारा हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, और ऐसे मे आप भी दिवाली मनाने की तैयारी कर रहे है तो तो ऐसे मे आपके मन मे दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर आ रहा होगा, तो चलिये इस आर्टिकल मे हम दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर के बारे मे जानेगे, तो चलिये अब Diwali Question Answer in Hindi FAQs जानते है।

दिवाली या दीपावली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Diwali Question Answer in Hindi FAQs

Diwali Question Answer in Hindi FAQsदिवाली या दीपावली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर इस प्रकार है –

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें?

1) दीपावली को दीपों का त्योहार कहा जाता है।

2) दिवाली भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहार है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

 

दीपावली का क्या अर्थ है?

दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

 

दिवाली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

 

दीपावली क्यों मनाई जाती है 10 लाइन?

जब 14 वर्षो के वनवास के पश्चात भगवान राम अपने घर अयोध्या वापस लौटे थे, तो उनके स्वागत मे पूरे अयोध्या को दीपक से सजाया जाता है, चारो तरफ दीयो के प्रकाश से जगमगा उठा था, तो इस तरह भगवान श्रीराम का स्वागत किया गया था, जिस कारण से तब से हर साल यह दिन त्योहार के रूप मे मनाया जाने लगा, दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है। जो की दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। इस त्योहार पर सनातनी हिंदू मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

 

सरल शब्दों में दीपावली की विश कैसे करें?

दीपावली में दीपों का दीदार हो, और खुशियों की बौछार हो। शुभ दीपावली!

दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन में नई रोशनी लाए, बस यही शुभकामना है आपके लिए इस दीपावली में। शुभ दीपावली! ”

दीपावली आए तो रंगी रंगोली, दीप जलाए, धूम धड़ाका, छोड़ा पटाखा, जली फुलझडि़यां सबको भाए.. आप सबको दीपावली की शुभकामनाएं!

दीप जगमगाते रहे सबके घर झिलमिलाते रहे साथ हो सब अपने सब यूँही मुस्कुराते रहे हैप्पी दीपावली

 

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

जब 14 वर्षो के वनवास के पश्चात भगवान राम अपने घर अयोध्या वापस लौटे थे, तो उनके स्वागत मे दिये जलाये गए थे, जो की तब से हर साल इस दिन को दिवाली के त्योहार के रूप मे मनाया जाता है।

 

दीपावली का अच्छा संदेश क्या है?

दीप जलते रहे जगमगाते रहे, हम आपको-आप हमें याद आते रहे, जब तक ज़िन्दगी है दुआ है हमारी, आप फूलो की तरह मुस्कुराते रहे, विश यू हैप्पी दीपावली

“दीपों का ये पावन त्यौहार आपके लिए लाये ख़ुशियाँ हज़ार लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार हमारी शुभकामनाएं करे स्वीकार शुभ दीपवाली”

“झिलमिलाते दीपों की रोशनी से प्रकाशित ये दीपावली आपके घर में सुख समृद्धि और आशीर्वाद ले कर आए शुभ दीपावली”

“ये दिवाली आपके जीवन में खुशियों की बरसात लाए, धन और शौहरत की बौछार करे, दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं”

 

दीपावली के संदेश में आप क्या लिखते हैं?

दीपों की रौशनी में जगमग संसार, मुबारक हो आपको दिवाली का त्यौहार।

दीपो से सजता हर घर, दीपावली के आगमन पर।

दीये ही दिवाली के आधार हैं, पटाखें तो बेवजह और बेकार है.

बच्चों को लगता है कितना प्यारा दिवाली, स्कूल में छुट्टी और हर तरफ खुशहाली.

 

दीपावली का दूसरा नाम क्या है?

दिवाली का दूसरा नाम दीपावली है, दिवाली को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे दीपावली, दीपावली, दीवाली, दीपावली, रोशनी का त्योहार और दीपों का त्योहार।

 

दीपावली से हमें क्या लाभ है?

दिवाली से सभी तरह के व्यापार में तेजी आती हैं क्यूंकि यह त्यौहार में हर चीज नयी आती है, लोग नए ऊर्जा से भर जाते है, जिस कारण से इस त्योहार को मनाने के लिए काफी पहले से तैयारी होने लगती है, ऐसे मे लोग घर की सज्जा सज्जा, अपने कपड़ो, गहनों, खाने पीने सभी चीजों पर खर्च करते है. जिससे व्यापार मे वृद्धि आती है और दीपावली से आपसी प्रेम बढता है जिससे सम्बंधों में मिठास आती हैं.

 

दिवाली भारत में सबसे बड़ा त्योहार क्यों है?

चुकी भगवान राम इसी दिन चौदह वर्षो के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस लौटे थे तो भगवान राम के स्वागत के लिए हर जगह फूल और दीपक जलाये थे और सभी लोग ख़ुशी मना रहे थे. तब से ही दीपावली मनाने की शुरुआत मानी जाती है और यह परम्परा आज भी चल रही है, जिस कारण से दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है, क्यूकी इस त्योहार से हर वर्ग के समृद्धि मे वृद्धि आती है।

 

हम दिवाली 5 लाइन क्यों मनाते हैं?

1) दीपावली को दीपों का त्योहार कहा जाता है।

2) दिवाली भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहार है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) इस त्योहार पर सभी सनातनी हिंदू मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

 

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा क्यों की जाती है?

सतयुग मे देवताओं और राक्षसों के प्रयास से समुद्र मंथन हुआ तो इसमें कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि निकले, जिस कारण से इस दिन धनतेरस मनाई जाती है और अमावस्‍या के दिन लक्ष्‍मी समुद्र से निकली थी, जिस कारण से कार्तिक मास की अमावस्‍या पर माता लक्ष्‍मी की पूजा होती है।

 

भारत में दिवाली कौन मनाता है?

भारत में दिवाली का त्योहार सभी सनातनी हिन्दू मनाते है, इसके अलावा अन्य धर्मो के लोग भी मिलजुलकर इस त्योहार की खुशिया बांटते है।

 

दीपावली का त्यौहार कहाँ मनाया जाता है?

दीपावली का त्यौहार मुख्यत भारत मे मनाया जाता है, इसके अलावा दीपावली के दिन नेपाल, भारत, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और औस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर क्रिसमस द्वीप पर एक सरकारी अवकाश होता है। और इन हिन्दू आबादी देशो मे दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

 

दीपावली और दिवाली में क्या अंतर है?

दीपावली  और दिवाली इन दोनों में सही शब्द है “दीपावली” जो कि “दीप” शब्द में “आवली” शब्दो से मिलकर बना है और जिसका अर्थ है “दीपों की पंक्ति”, चूँकि दीपावली शब्द मूल संस्कृत से निर्मित शब्द लोकभाषा में उपयोग किए जाते रहे हैं, फलस्वरूप उच्चारण मे धीरे धीरे बदलाव से “दीपावली” भी “दीवाली” से “दिवाली” तक आ गई..

 

दीपावली के बारे में आपने क्या सीखा?

दिवाली का पर्व पुरुषार्थ का पर्व है। यह आत्म-साक्षात्कार का पर्व है। जो की खुद को जानने का पर्व है, यह अपने भीतर सुषुप्त चेतना को जगाने का अनुपम पर्व है। यह हमारे आभामंडल को विशुद्ध और पर्यावरण की स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश देने का पर्व है।

 

दीपावली के लिए कोई कहावत है?

दीपावली के लिए कहावत मे सबसे ज्यादा यह दिवाली शुभ अवसर आपके जीवन को खुशियों, आनंद और शांति से रोशन करे, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! रोशनी का यह त्योहार सभी के लिए शांति, समृद्धि और खुशियां लाए, सभी को हार्दिक, स्वस्थ, समृद्ध और आनंदमय दीपावली की शुभकामनाएँ।

 

दीपावली का नारा क्या है?

इस दिपावली हमने ठाना है, प्रकृति को स्वच्छ बनाना है।

दिवाली में खुशियाँ फैलाएं, वायु और ध्वनि प्रदूषण नहीं.

सबके सपनों को करो साकार, आ गया दिवाली का त्योहार।

जब दीपक से हो सकता है उजियारा, तो क्यूँ ले हम पटाखों का सहारा.

मिठाई खाएं, दीप जलाएं, पटाखों को हटायें, शुभ दिवाली मनाएं.

 

दीपावली की बधाई कैसे लिखी जाती है?

दिपावली का यह विशेष त्योहार, जो सबके जीवन में लाता है खुशियों की भरमार।

शिक्षित होने का कुछ तो लाभ उठाओ, इस बार स्वच्छ और स्वस्थ दिवाली मनाओ.

दिपावली का त्योहार आया है, माँ लक्ष्मी की कृपा लाया है।

दिवाली पर सब मिलकर दीप जलाएं, बिना प्रदूषण, बिना पटाखों के मनाएं.

 

दीपावली का क्या अर्थ है?

दीपावली या दिवाली इन दोनों शब्द का अर्थ है- “दीपावली” जो कि “दीप” शब्द में “आवली” शब्दो से मिलकर बना है और जिसका अर्थ है “दीपों की पंक्ति”

 

दीपावली का नाम किस भाषा में है?

दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ अर्थात ‘दिया’ व ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ के मिश्रण से हुई है। अतः दीपावली का नाम संस्कृत भाषा में है.

 

 दीपावली के प्रतीक का क्या अर्थ है?

दीपावली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश, अन्याय पर न्याय, अज्ञान से अधिक बुराई और खुफिया पर अच्छाई, की विजय का प्रतीक हैं।

 

दिवाली में कौन से धर्म मानते हैं?

दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो की इस त्योहार को सनातनी हिन्दू मनाते है।

 

दीपावली कितने देशों में मनाया जाता है?

दिवाली भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, प्लोरिडा, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में भी दिवाली का मनाया जाता है।

 

दिवाली का त्योहार मनाने के पीछे क्या मान्यता है?

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई थी,

इसके अलावा मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव सभी की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

 

दीपावली पर किन देवताओं की पूजा की जाती है?

दिवाली के पर्व पर धन की देवी मां लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश और धन के देवता भगवान कुबेर की घर-घर पूजा होती है, और इनके अलावा इस दिन मां सरस्वती और माता काली की उपासना भी की जाती है.

 

हर साल दिवाली की तारीख क्यों बदली जाती है?

दिवाली हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर कार्तिक की अमावस्या को ही मनाया जाता है, जो जबकि यह अँग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल अलग तिथि होती है, जिस कारण से हर साल अँग्रेजी कैलेंडर मे अलग अलग तारीख मे दिवाली होता है।

 

भारत की संस्कृति में दीपावली का क्या महत्व है?

दिवाली अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की आध्यात्मिक विजय का प्रतीक है। दिवाली की रोशनी हमारी सभी अंधेरी इच्छाओं और विचारों को नष्ट करने, अंधेरे छाया और बुराइयों को खत्म करने का समय दर्शाती है और हमें शेष वर्ष के लिए अपनी सद्भावना के साथ आगे बढ़ने की शक्ति और उत्साह देती है,

तो इस तरह दीपावली का त्योहार भारतीय संस्कृति का गौरव है, क्योंकि दीपावली रोशनी का पर्व है और दीया प्रकाश का प्रतीक है और तमस को दूर करता है। यही दीया हमारे जीवन में रोशनी के अलावा हमारे लिए जीवन की सीख भी है, जीवन निर्वाह का साधन भी है।

 

भारत में दिवाली कितने दिन मनाई जाती है?

भारत में दिवाली 5 दिन मनाई जाती है, जो की पहले दिन धन तेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली और फिर नरक चतुर्दशी के बाद तीसरे दिन घर-घर में लक्ष्‍मी जी की पूजा की जाती है। इसके बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज मनाते हैं।

 

दीपावली क्यों मनाई जाती है 10 लाइन?

1)दिवाली के पावन पर्व को हर साल कार्तिक महीने में मनाया जाता है।

2) दिवाली के त्यौहार से पहले सभी तरफ घरों की साफ-सफाई की जाती है।

3) दीपावली के पांचवे दिन को भाई बीज का त्यौहार मनाया जाता है।

4) दिवाली के दिन दीप जलाए जाते हैं दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास में आता है।

5) दिवाली से पहले धनतेरस और धनतेरस के बाद छोटी दिवाली आती है

6) छोटी दिवाली के बाद गोवर्धन की पूजा होती है और उसके अगले दिन भैया दूज आता है।

7) दीवाली की रात को लोग माता लक्ष्मी भगवान गणेश की पूजा कर उनसे धन की कामना करते हैं।

8) भगवान श्री राम ने रावण का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत का निशान छोड़ा था।

9) राम जी के लौटने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने ख़ुशी ख़ुशी घी के दीयों से पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था।

10) दिवाली का त्यौहार अमावस्या की रात को मनाया जाता है अमावस्या की अंधेरी रात को खत्म करने के लिए दिये जलाना शुभ माना जाता है।

 

दिवाली के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है?

दिवाली नई शुरुआत करने का समय है । दिवाली, जो बुराई पर अच्छाई का जश्न मनाती है, हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है.

 

दीपावली की शुरुआत कैसे हुई?

त्रेतायुग मे जब 14 साल वनवास काटने के बाद जिस शाम को भगवान राम अयोध्या लौटे उस शाम अयोध्या नगर वासियों ने उनके स्वागत में गली-गली में दिए जला दिए। उस दिन के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा।

 

छोटी दीपावली क्यों मनाया जाता है?

द्वापरयुग मे भगवान श्रीकृष्ण ने सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध करके देवताओं और संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी, तब इसी की खुशी में लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए और त्योहार मनाने की शुरुआत की और फिर तभी से नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाने लगा.

 

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा क्यों की जाती है?

देवताओं और राक्षसों के प्रयास से समुद्र मंथन हुआ तो इसमें कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की अमावस्‍या के दिन लक्ष्‍मी बाहर आईं. इसलिए हर साल कार्तिक मास की अमावस्‍या पर माता लक्ष्‍मी की पूजा होती है,

 

दीपावली का इतिहास क्या है?

त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम जब लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी, तो भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई गई थी, हर नगर हर गांव में दीपक जलाए गए थे।

 

दीपावली की पूजा कैसे करनी है?

घर की साफ-सफाई करें और रंगोली बनाएं फिर मां लक्ष्मी को जो प्रसाद पसंद है वो बनाएं और कमल का फूल जरूर लाएं और घर में चांदी या फिर नया कोई सामान जरूर लाएं और पूजा करते वक्त आसन पर बैठें और ध्यान लगाएं।

 

दिवाली मनाने के कितने कारण हैं?

दिवाली मनाने के प्रमुख कारण मे त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम जब लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी, तो भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई गई थी

 

दीपावली कैसे मनाते हैं अपने शब्दों में लिखिए?

दिवाली का यह पर्व पांच दिनों तक यानी धनतेरस से भाई दूज तक चलता है। धनतेरस के दिन सोने- चांदी से लेकर अन्य चीजों की खरीदारी की जाती है। उसके बाद अगले दिन नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं फिर अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। घरों को दिए, मोमबत्ती और लाइटों से सजाया जाता है। लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाते है, इस तरह दिवाली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते है।

 

भारत की संस्कृति में दीपावली का क्या महत्व है?

दीपावली का त्योहार भारतीय संस्कृति का गौरव है, क्योंकि दीपावली रोशनी का पर्व है और दीया प्रकाश का प्रतीक है और तमस को दूर करता है। यही दीया हमारे जीवन में रोशनी के अलावा हमारे लिए जीवन की सीख भी है, जीवन निर्वाह का साधन भी है। जो की दिवाली अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की आध्यात्मिक विजय का प्रतीक है। दिवाली की रोशनी हमारी सभी अंधेरी इच्छाओं और विचारों को नष्ट करने, अंधेरे छाया और बुराइयों को खत्म करने का समय दर्शाती है

 

दीपावली पर देवी लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें?

दिवाली के दिन घर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के बाद मां लक्ष्मी को चने की दाल अर्पित करें, पूजा खत्म होने के बाद उस दाल के पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें, ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. और कमल का पुष्प मां लक्ष्मी को अर्पित करना लाभकारी साबित होगा.

 

दीपावली का वैज्ञानिक महत्व क्या है?

दिवाली मनाने के पीछे यह भी एक वैज्ञानिक कारण हो सकता है. रसायन विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि दिये जलाने से वातावरण शुद्ध होता है, दीपक जलाने से वातावरण में नमी बढ़ती है, और ज्‍यादा संख्‍या में दीपक जलाने से वातावरण का ताप बढ़ जाता है, इस तरह से दिवाली वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।

 

दीपावली से हमें क्या लाभ है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव सभी की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

और दीपावली से सभी तरह के व्यापार में तेजी आती हैं क्यूंकि यह त्यौहार में हर चीज नयी आती है. लोग घर की सज्जा सज्जा, अपने कपड़ो, गहनों, खाने पीने सभी चीजों पर खर्च करते है. दीपावली से आपसी प्रेम बढता है जिससे सम्बंधों में मिठास आती हैं.

 

दीपावली का धार्मिक महत्व क्या है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, यश और वैभव सभी की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

 

दीपावली में झाड़ू क्यों खरीदना चाहिए?

झाड़ू को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन झाड़ू को खरीदने पर घर में सुख-शांति आती है और धन में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही घर की दरिद्रता भी दूर होती है। दिवाली के दिन झाड़ू खरीदने को लेकर एक और मान्यता ये है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी घर छोड़कर नहीं जाती हैं।

 

दीपावली में क्या शुभ माना जाता है?

दीवाली की रात को शुभ और लाभ के देवता भगवान श्री गणेश और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी माना गया है. मान्यता है कि दिवाली की रात इन गणेश-लक्ष्मी की पूजा करके कोई भी व्यक्ति पूरे साल तक सुख-समृद्धि और सौभाग्य पाने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है

 

दीपावली के दिन क्या देखना शुभ माना जाता है?

दिवाली वाले दिन यदि आपको केसरिया रंग की गाय दिख जाए तो ये बहुत ही शुभ संकेत है। ये गाय देवत्व का प्रतीक है और ये घर में समृद्धि लाती है। उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन है, इसलिए यदि दिवाली पर आपको उल्लू दिखाई देता है तो ये बहुत ही शुभ प्रतीक माना जाता है।

निष्कर्ष :-

तो आपको इस आर्टिकल मे दिवाली से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर की जानकारी मिल गयी होगी, तो इस जानकारी को दूसरों के साथ भी शेयर करे, और दिवाली से संबन्धित कोई प्रश्न आपके मन मे सवाल आ रहा तो हमे कमेंट मे पूछ सकते है,

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