Diwali Ka Itihas in Hindi
दिवाली का इतिहास क्या है
दिवाली हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार है, जो की हर सनातन हिन्दू द्वारा हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, तो ऐसे मे आपके मन मे यह सवाल जरूर आता होगा की दिवाली का इतिहास क्या है, यह त्योहार कितना पुराना है, तो चलिये इस आर्टिकल मे दिवाली का इतिहास के बारे मे जानेगे, तो चलिये अब Diwali Ka Itihas in Hindi जानते है,
दिवाली का इतिहास बताइये
History of Diwali in Hindi
दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है, अन्य त्यौहारों की तरह दीपावली के साथ भी कई धार्मिक तथा ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। समुद्र-मंथन करने से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक लक्ष्मी भी इसी दिन प्रकट हुई थी। इसके अलावा जैन मत के अनुसार तीर्थंकर महावीर का महानिर्वाण भी इसी दिन हुआ था।
भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष श्री राम लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त कर सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे उनके अयोध्या आगमन पर अयोध्यावासियों ने भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए घरों को सजाया व रात्रि में दीपमालिका की और मंगल गीत गाए।
दिवाली से जुड़े अन्य ऐतिहासिक घटनाए
ऐतिहासिक दृष्टि से इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं में सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंह मुगल शासक औरंगजेब की कारागार से मुक्त हुए थे। राजा विक्रमादित्य इसी दिन सिंहासन पर बैठे थे। सर्वोदयी नेता आचार्य विनोबा भावे दीपावली के दिन ही स्वर्ग सिधारे थे। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द तथा प्रसिद्ध वेदान्ती स्वामी रामतीर्थ जैसे महापुरुषों ने इसी दिन मोक्ष प्राप्त किया था।
हिन्दू धर्म बहुत ही पुराना धर्म है। इसकी सभी मान्यताएं, परम्पराएं किसी न किसी विशेष कारण से मानी जाती है। हर परम्परा और मान्यता के पीछे एक विशेष महत्व होता है। हिन्दू धर्म के हर त्यौहार मनाने के पीछे भी एक कारण होता है। दिवाली हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन असत्य पर सत्य की विजय हुई थी और इसी दिन भगवान राम ने असुरों के राजा रावण का अंत किया था। दिवाली सम्पूर्ण भारत में मनाई जाती है। यहां पर सभी लोग धूमधाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। दिवाली भारत में ही नहीं विश्व के बहुत से देशों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।
यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस त्यौहार के आगमन की प्रतीक्षा हर किसी को होती है। सामान्यजन जहां इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं।
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।
निष्कर्ष :- तो आपको इस आर्टिकल मे दिवाली का इतिहास क्या है, की जानकारी मिल गयी होगी, तो इस जानकारी को दूसरों के साथ भी शेयर करे, और दिवाली से संबन्धित कोई प्रश्न आपके मन मे सवाल आ रहा तो हमे कमेंट मे पूछ सकते है,
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