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दीपावली पर निबंध कक्षा 5 के लिए: दिवाली का महत्व, परंपराएं और रोशनी का त्योहार

Essay on Diwali in Hindi for Class Five

दीपावली पर निबंध कक्षा 5 के लिए

जो छात्र कक्षा 5 मे पढ़ते है, उनको अपने स्कूल मे दीपावली पर निबंध कक्षा 5 Essay On Diwali Hindi for Class Five लिखने को दिया जाता है, तो उन विद्यार्थियो के लिए इस पोस्ट मे दीपावली पर निबंध कक्षा 5 के लिए बताने जा रहे है, जिसकी सहायता से आप अपने क्लास मे दिवाली पर निबंध Essay On Diwali Hindi for Class Five लिख सकते है। और दिवाली के बारे मे जानकारी देने के लिए इस दीपावली पर निबंध कक्षा 5 Essay on Diwali Hindi for Class Five को शेयर भी कर सकते है, और इसे पढ़कर दिवाली के महत्व को भी बता सकते है,

दीपावली पर निबंध कक्षा 5

Essay on Diwali Hindi for Class Five

Essay on Diwali in Hindi for Class Fiveदीपावली जिसे दीपों का त्यौहार या रोशनी का त्यौहार कहा जाता है, जो की यह दीपावली शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है, दीपावली हिंदुओं का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है दीपावली या दीवाली किसी भी नाम से पुकारे ये त्यौहार आनंद और प्रकाश ही फैलता है।

दिवाली जो की भारतीय संस्कृति का सर्वप्रमुख त्यौहार है यह प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइये यह अपने उपनिषदों की आज्ञा मानी जाती है अर्थात प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन के गम के अंधेरों को खत्म करके उजाले की ओर जाए अपने मन के अंधेरों को भी खत्म करे यही दीपावली का त्यौहार है।

भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति के हों या उत्सव में शामिल हों। इस त्योहार को मनाने के लिए दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय भी इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते दिवाली का पर्व मनाते है।

अन्य त्यौहारों की तरह दीपावली के साथ भी कई धार्मिक तथा ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। समुद्र-मंथन करने से प्राप्त चौदह रत्नों में से एक लक्ष्मी भी इसी दिन प्रकट हुई थी।

इसके अलावा जैन मत के अनुसार तीर्थंकर महावीर का महानिर्वाण भी इसी दिन | हुआ था। भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष श्री राम लंका नरेश रावण पर विजय प्राप्त कर सीता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे उनके अयोध्या आगमन पर अयोध्यावासियों ने भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए घरों को सजाया व रात्रि में दीपमालिका की।

ऐतिहासिक दृष्टि से इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं में सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्दसिंह मुगल शासक औरंगजेब की कारागार से मुक्त हुए थे। राजा विक्रमादित्य इसी दिन सिंहासन पर बैठे थे। सर्वोदयी नेता आचार्य विनोबा भावे दीपावली के दिन ही स्वर्ग सिधारे थे। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द तथा प्रसिद्ध वेदान्ती स्वामी रामतीर्थ जैसे महापुरुषों ने इसी दिन मोक्ष प्राप्त किया था।

यह त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोगों द्वारा दीपों व मोमबत्तियाँ जलाने से हुए प्रकाश से कार्तिक मास की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात में बदल जाती है। इस त्यौहार के आगमन की प्रतीक्षा हर किसी को होती है। सामान्यजन जहां इस पर्व के आने से माह भर पहले ही घरों की साफ-सफाई, रंग-पुताई में जुट जाते हैं।

वहीं व्यापारी तथा दुकानदार भी अपनी-अपनी दुकानें सजाने लगते हैं। इसी त्यौहार से व्यापारी लोग अपने बही-खाते शुरू किया करते हैं। इस दिन बाजार में मेले जैसा माहौल होता है। बाजार तोरणद्वारों तथा रंग-बिरंगी पताकाओं से सजाये जाते हैं। मिठाई तथा पटाखों की दुकानें खूब सजी होती हैं। इस दिन खील-बताशों तथा मिठाइयों की खूब बिक्री होती है। बच्चे अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियां तथा अन्य आतिशबाजी खरीदते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। वे मिलते हैं और अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

उपसंहार –

दीपावली के प्रकाश से हमारा घर-आँगन और तन-मन दोनों ही आलोकित उठते हैं। हमारे दिल से मनमुटाव दूर हो जाते हैं, हमारे ह्रदय स्नेह और सदभाव से भर जाते हैं। इससे सामाजिक जीवन को नई चेतना मिलती है और लोगों को नूतन वर्ष के कर्तव्यों को पूरा करने का बल मिलता है।

कुछ लोग इस त्यौहार को गलत नजरिए से देखते हैं जो समाज के लिए बुरी बात है इसलिए इन बुराइयों से बचना चाहिए, पटाखे सावधानी पूर्वक फोड़ना चाहिए और इस बात का भी ध्यान रखना चाहये की किसी के मन को कोई ठेस ना पहुंचाएं किसी को कोई दुख या परेशानी या हानि, या तकलीफ ना हो इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, हम सब को मिलकर इस त्यौहार को मनाना चाहिए और इस त्यौहार के नाम दीपावली को सार्थक करना चाहिए।

दिवाली से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

FAQ on Diwali in Hindi

प्रश्न:- दीपावली की शुरुआत कब से हुई??

उत्तर:- दीपावली की शुरुआत कब से हुई?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सतयुग में पहली दीपावली मनाई गई थी. फिर त्रेतायुग मे भगवान श्रीराम के वनवास के पश्चात लौटने पर भी दिवाली मनाई गयी थी,

प्रश्न:- दिवाली कब मनाया जाता है?

उत्तर:- दीपावली शरद ऋतू के कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन हर वर्ष मनाया जाता है,

प्रश्न:- दिवाली कैसे मनाया जाता है?

उत्तर:- दिवाली के पहले घरो की रंगाई पुताई करके दिवाली के दिन घरो को दियो, लाइट से सजाकर, नए वस्त्र पहनकर गणेश जी और माँ लक्ष्मी की पूजा करके एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

प्रश्न:- दिवाली पर किसकी पूजा की जाती है?

उत्तर:- दिवाली पर भगवान श्रीगणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

प्रश्न:- दिवाली को क्यो मनाया जाता है?

उत्तर:- दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम जी 14 वर्षो के वनवास के पश्चात वापस अपने घर अयोध्या लौटे थे, जिनके लौटने की खुशी मे हर घर दिये जलाए गए थे, जिस कारण से तब से हर साल दिवाली मनाया जाता है।

प्रश्न:- इस साल 2023 मे दिवाली कब है?

उत्तर:- इस साल 2023 मे दिवाली 12 नवंबर को है, जिस दिन रविवार है।

प्रश्न:- दिवाली पर घरो को कैसे सजाते है?

उत्तर:- दिवाली के दिये घरो को दियो और लाइट से सजाते है, और रंगीन झालर भी लगाते है।

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